गरुड़ पुराण में वर्णित 36 नर्क गरूड़ पुराण, अग्रिपुराण, कठोपनिषद में इसका उल्लेख मिलता है। 1. महावीचि- यह नर्क पूरी तरह रक्त यानी खून से भरा है औ…
और पढ़ेंराहु ग्रह विचार राहू कूटनीति का सबसे बड़ा ग्रह है राहू संघर्ष के बाद सफलता दिलाता है राहू का 12 वे घर में बैठना बड़ा अशुभ होता है क्योकि यह जेल और…
और पढ़ेंसात प्रकार के शरीरों की संरचना ::- •••••••••••••••••••••••••••• 1. स्थूल शरीर: पशुओं के पास सिर्फ भौतिक शरीर ही होता है। इन प्रथम सात वर्षों में म…
और पढ़ेंकेदारनाथ - ~ मंदाकिनी नदी के तट पर बसा केदारनाथ मंदिर रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। पंच केदारों में से एक, केदारनाथ मंदिर में शिव के पृष्ठ भाग की…
और पढ़ेंबगलामुखी साधना और प्रभाव ::-- एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा इससे चार…
और पढ़ेंशिवपूजा का विधान ; - भगवान शिव की साधना के लिये सामान्य रुप से निम्न सामग्री की आवश्यकता होती है। आसन ताम्र-पात्र जल हेतु गंगाजल प्लेट रौली …
और पढ़ेंतुलसी के पत्तों के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है. क्योंकि भगवान विष्णु का प्रसाद बिना तुलसी दल के पूर्ण नहीं होता है. जिस घर में प्रति…
और पढ़ेंआरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। विशेष रूप से प्रकाशित करना। जैसे कि देव पूजन से प्राप्त होने वाली सकारात्मक …
और पढ़ेंमहृर्षि वेदव्यासजी ने अट्ठारह पुराणों का संस्कृत भाषा में संकलन किया है, ब्रह्मदेव, श्री हरि विष्णु भगवान् तथा भगवान् महेश्वर उन पुराणों के मुख्य द…
और पढ़ेंअक्षय तृतीया का महत्व:- अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य जैसे-विवाह, गृहप्रवेश, व्यापार अथवा उद्यो…
और पढ़ेंहमारे पूर्वज यज्ञ क्यों करते थे:- यज्ञ मेँ सब जड़ी बूटियाँ ही डाली जाती हैँ। आम की लकड़ी, देशी घी, तिल, जौँ, शहद, कपूर, अगर तगर, गुग्गुल, लौँग, अक्ष…
और पढ़ें|| शिव अमोघ कवच || अस्य श्री शिवकवच स्तोत्रमहामन्त्रस्य ऋषभयोगीश्वर ऋषिः । अनुष्टुप् छन्दः । श्रीसाम्बसदाशिवो देवता । ॐ बीजम् । नमः शक्तिः । शिवायेत…
और पढ़ेंनित्य सूर्योपासना की विधि : सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है। समस्त चराचर जगत की आत्मा सूर्य ही है। सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है, …
और पढ़ेंयोग के ये आठ अंग - 'यम' : पांच सामाजिक नैतिकता अहिंसा – शब्दों से, विचारों से और कर्मों से किसी को हानि नहीं पहुँचाना सत्य – विचारों में सत…
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