मन एक प्रवेश द्वार है -
मन शरीर के भीतर का वह अदृश्य भाग है जिससे विचारों की उत्पत्ति होती है।सुख-दु:ख का अनुभव करते हैं
यह मस्तिष्क की कार्यशक्ति का द्योतक है। , जैसे चिंतन शक्ति, स्मरण-शक्ति, निर्णय शक्ति, बुद्धि, भाव, इंद्रियाग्राह्यता, एकाग्रता, व्यवहार, परिज्ञान (अंतर्दृष्टि), इत्यादि।
मन ही हमें प्रत्येक वस्तु के महत्व को समझाता है, इच्छाएं जागृत करता है, भ्रम पैदा करता है, लालच जाग्रत करता है, प्रायश्चित कराता है, आत्मा-परमात्मा की ओर जाने का मार्ग प्रशस्त करता है ।
मन एक प्रवेश द्वार है जिसमें प्रवेश कर आत्मा, परमात्मा, ईश्वर के दर्शन कर सकते हैं।
सचेतन ( Conscious mind)
यह मन का लगभग दसवां हिस्सा होता है, जिसमें स्वयं तथा वातावरण के बारे में जानकारी (चेतना) रहती है। दैनिक कार्यों में व्यक्ति मन के इसी भाग को व्यवहार में लाता है।
अचेतन ( subconscious mind)
यह मन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है, जिसके कार्य के बारे में व्यक्ति को जानकारी नहीं रहती। इसमें व्यक्ति की मूल-प्रवृत्ति से जुड़ी इच्छाएं जैसे कि भूख, प्यास या अन्य कोई इच्छाएं दबी रहती हैं।
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