यागवल्क्य ऋषि कहते हैं, कि आत्मा चौरासी लाख योनियों में विचरते हुए पेड़-पौधे, कीट-पतंग और पशु-पक्षी आदि की योनियों से गुजरती हुई, सबसे अंत में गाय की योनि में प्रवेश करती है और गाय का जीवन जीती है।
गाय पशु और मनुष्य के बीच की एक 'कड़ी' है। गाय में आकर आत्मा उस जगह पर आ खड़ी होती है, जहां से उसके लिए अगले जन्म में मनुष्य योनि में आना आसान हो जाता है।
इसीलिए लिए हमारे हिंदू धर्म में गाय को इतना महत्व दिया जाता है।
गाय को बचाकर हम एक आत्मा की पशु से मनुष्य बनने में मदद करते हैं। इसके बदले में वह अपने दूध से हमें पोषण देती है और गौमूत्र तथा गोबर से हमारी खेती को सुदृढ़ बनाते हुए बछड़े के रूप में दूसरी आत्मा को जन्म देकर अपना ऋण चुकाकर जाती है।
गाय के घी के उपयोग :-
१. गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है ।
२. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है
३. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है ।
४. 20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है ।
५. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है ।
६. नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है ।
७. गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है
८. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है ।
९. गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है ।
१०. हाथ-पॉँव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है ।
११. हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी ।
१२. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है ।
१३. गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है ।
१४. गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है ।
१५. अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें ।
१६. हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा ।
१७. गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है ।
१८. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, इससे ह्रदय मज़बूत होता है ।
१९. देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है ।
२०. गाय का घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर या बूरा या देसी खाण्ड, तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें । प्रतिदिन प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है ।
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